गृह प्रवेश
आर्य समाज में गृह प्रवेश (Griha Pravesh) को यज्ञों की एक प्रक्रिया के रूप में सम्पन्न किया जाता है। यह एक पूजा विधि होती है जिसमें नए घर में रहने की शुभकामनाएं मांगी जाती हैं और घर के लिए आशीर्वाद प्राप्त किए जाते हैं। नीचे आपको आर्य समाज में गृह प्रवेश की पूजा विधि का एक संक्षेप मिलेगा:
- पूजा की तैयारी: गृह प्रवेश की पूजा के लिए पूजा सामग्री जैसे कि रोली, चावल, दूर्वा, सुपारी, कलश, दीपक, नारियल, हल्दी, कुमकुम, नग केसर, फूल, गंगाजल, इत्यादि की तैयारी करें।
- पूजा का आयोजन: घर में एक पूजा स्थान तय करें, जहां पूजा की सामग्री रखी जा सके। इस स्थान पर कलश सजाएँ और उसमें गंगाजल डालें।
- पूजा की आरंभ: पंडित या आर्य समाज के अनुसार योग्य व्यक्ति को बुलाएं और पूजा की शुरुआत करें। पंडित या पूजारी के मार्गदर्शन में पंडित जी को पूजा का विधान पालन करना चाहिए
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- मंत्रों का जाप: गृह प्रवेश के दौरान मंत्रों का जाप किया जाता है। आर्य समाज में इसके लिए विशेष मंत्रों का उच्चारण किया जाता है जो आर्य समाज के वेद ग्रंथो से लिए गए हैं।
- आशीर्वाद: पूजा के अंत में पंडित या पूजारी द्वारा आपको और आपके परिवार को आशीर्वाद दिया जाता है।
इस तरह, आर्य समाज में गृह प्रवेश का आयोजन किया जाता है। आपको अपने स्थानीय आर्य समाज के पंडित से संपर्क करके विस्तृत पूजा विधि के बारे में जानकारी प्राप्त करने की सलाह दी जाती है।